अपनी अमीरी पर इतना ना इतराओ लोगों......!!मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!तूम अमीर हो,यह बातकुछ विशेष अवश्य हो सकती हैमगर,वह गरीब है....इसमें उसका क्या कसूर है.....??अभी-अभी जो जन्म ले रहा है किसी भीखमंगे के घर में जो शिशु उसने कौन सा पाप किया है ज़रा यह तो सोच कर बताओ......!!वो लाखों-लाख शिशु,जो इसी तरहऐसी माँओं की कोख में पल रहें हैं......वो-कौन सा कर्मज-फल भुगत रहे हैं.....??अभी-अभी जो ओला-वृष्टि हुई है चारों तरफ़ और नष्ट हो गई है ना जाने कितनी फसल ना जाने कितने किसानो की.....ये अपने किस कर्म का फल भुगत रहे हैं....??एक छोटी-सी लड़की को देखा अभी-अभी सर पर किसी चीज़ का गट्ठर लिए चली जा रही थी ख़ुद के वज़न से भारी...समझ नहीं पाया मैं कि उसकी आंखों में दुनिया के लिए क्या बचा हुआ है.....!!इस तूफ़ान और बारिश में ना जाने कितने ही घरों के घास-फूस और खपरैल के छप्पर कहाँ जाकर गिरें हैं.....और हमारे बच्चे पानी में नाव तैरा रहे हैं....हम खुश हो रहें हैं अपने बच्चों की खुशियों में....!!सच क्या है और कितना गहरा है.....यह शायद भरे पेट वाले ही खोज सकते हैं.....और जिस दिन पेट खाली हो.....अन्न भी ढूढने लगेंगे यही सत्यान्वेषक लोग कोई अमीर है,यह बेशक उश्के लिए खुशी की बात हो सकती है.....मगर इस बात के लिए वह तनिक भी ना इतराए....क्योंकि कोई गरीब है,इस बात में हर बार उस गरीब कोई दोष नहीं है.....अपनी डफली बजाना अच्छी बात हो सकती है लेकिन दूसरे की फटी हुई डफली को मिल-मिला कर बना देना,यही समाज है जो हाड-तोड़ मेहनत कर रहे रात और दिन शायद पूरे परिवार की रोटी तक नहीं जुटा पा रहे....और खेलने-खाने वाले लोग इक क्षण में जीवन-भर का समान जुटा ले रहे हैं....यह जो मज़े-मज़े का सिस्टम है.....इस पर विचार किए जाने की जरुरत है....!!कि किस बात का क्या सिला होना चाहिए....किस काम के लिए किसको क्या मिलना चाहिए....!!कर्मठता को क्या इनाम मिले.....और बेईमानी को कहाँ होना चाहिए.......!!वगरना बेशक तूम बात करो बेशक महानता भरी लेकिन गरीब,गरीब ही रह जाने वाला है....क्योंकि तुम्हारे सिस्टम से बेखबर वह....सिर्फ़ अपने काम में तल्लीन रहने वाला है....और वाक्-पटु...चतुर सुजान उसका हिस्सा भी उसीके नाम पर ख़ुद हड़प कर जाने वाला है....!!सत्ता किसी के भी हाथ में हो.....गरीब के हाथ में कुछ भी नहीं आने वाला है.....!!जो भी दोस्तों,तुम बेशक अमीर हो किंतु कम-से-कम इतना तो करो....हर इंसान को चाहे वो गरीब ही क्यूँ ना हो....उसको इक इंसान का सम्मान तो दे दिया करो.....और सिर्फ़ एक इसी बात से वो गरीब इंसान होने का सुख पा सकता है.....!!और तुम.....??और भी ज्यादा अमीर